मंदी से परेशान लोगो के बीच सरकार के यह फैसला लोगो की और अधिक बढ़ाएगा मुसीबत

देश में चल रहे मंदी से लोग पहले ही परेशान है तो वहीं इसके बीच सरकार के इस फैसले से अब लोगो की मुसीबत और भी ज्यादा बढ़ने वाली है। दरअसल सरकार नए मोटर वाहन संशोधन अधिनियम द्वारा कैब एग्रीगेटर्स को अपने सर्ज प्राइसिंग को बढ़ाने की अनुमति दे रही है। इसके बाद कैब कंपनियना अपने किराये के कीमतों को बड़ा सकती है। फिलहाल, कैब सर्विसेज के लिए नए नियमों का अभी भी मसौदा तैयार किया जा रहा है।
बता दें की हाल ही में वित् मंत्री ने लोगो द्वारा ओला उबेर सर्विस के इस्तेमाल करने के कारण को भी मंदी के लिए जिम्मेदार बताया था। सरकार के इस फैसले से लगता है की वह लोगो द्वारा टैक्सी के प्रयोग को सीमित करना चाहती है।
नए मोटर वाहन कानून के तहत कैब एग्रीगेटर्स को डिजिटल बिचौलियों या मार्केटप्लेस के रूप में माना जा रहा है। ऐसा पहली बार है जब सरकार कैब एग्रीगेटर्स को अलग-अलग संस्थाओं के रूप में मान्यता दे रही है। इसलिए, सरकार अब इन कंपनियों के लिए पूरी तरह से काम करने के लिए नियम बना रही है।
माना यह जा रहा है की इन नए नियमों के अनुसार सरकार एक कैप तय करने की सोच रही है। जो कि कैब कंपनियों के बेस फेयर में तीन गुना बढ़ोत्तरी करेगा। दरअसल, सर्ज प्राइसिंग एक मूल्य निर्धारण रणनीति है जिसमें व्यवसाय मौजूदा बाजार की मांगों के आधार पर उत्पादों या सेवाओं के लिए मूल्य निर्धारित किया जाता है।
वहीं इसके साथ ही कैब सर्विसेस में बढ़ती हुई डिमांड को देखते हुए भी फेयर की कीमत को तय किया जाता है। मालूम हो की कैब की मांग पीक ऑवर और बारिश इत्त्यादि के दौरान अधिक बढ़ जाती है। इस दशा में कैब एग्रीगेटर्स को कीमतें बढ़ाने की अनुमति दी गई है। यहां तक कि ये तब भी लागू होता है जब कैब को बुक किया जा रहा हो या फिर सवारी कैब में सफर कर रही हो।
आपको बता दें की कि कैब एग्रीगेटर्स को नियमित करने वाले इस सिस्टम को पहले से ही कर्नाटक में लागू कर दिया गया है। वही अब सरकार इस पूरे देश में लागु करने वाली है। जिसके बाद कैब सर्विस की कीमतों में करीब तीन गुना वृद्धि हो सकती है।
देखा जाये तो सरकार द्वारा इस प्रकार का कदम उठाना लोगो के लिए उचित नहीं होगा। खासकर उन लोगो के लिए जो पहले से ही कैब सेवाएं की कीमत को लेकर इन कम्पनियो से नाराज चल रहे थे।
