अलवर सभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, हनुमान जी दलित और वंचित थे

जाति और गोत्र की राजनीति अब राजस्थान के चुनावों में भूलोक से देवलोक तक चली गयी है। इसी प्रकार उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हनुमान को दलित कहकर एक नई बहस छेड़ दी है। अलवर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के मालखेड़ा कस्बे में मंगलवार शाम को सभा आयोजित की गयी थी जिसमे योगी आदित्यनाथ भी शामिल थे। योगी आदित्यनाथ ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा की बजरंगबली ऐसे लोक देवता है है जो स्वयं वनवासी है, गिरवासी है, दलित है वंचित है।
योगी जी ने अलवार में एक के बाद एक लगातार चार सभाएं की और एक भरतपुर नगर क्षेत्र में की। इनमे से मेवात क्षेत्र में तीन सभाएं थी और दो सभाएं ऐसे क्षेत्र में थी जहाँ कांग्रेस ने अल्पसंख्यक चेहरे को उतारा है। रामगढ़ में भी योगी अपने पुरे रंग में नजर आए। योगी ने अपनी सभी सभा में कांग्रेस पर हमला साधा, यहाँ तक की कांग्रेस को आतंकवादियों की हितेषी पार्टी तक कह डाला। योगी ने दावा किया है की पांचों राज्यों में भाजपा की सरकार बनेगी।
अलवर में दलित वोटों के कारण हनुमान को बताया दलित
अलवर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में हनुमान को दलित बताना एक राजनितिक खेल भी नजर आ रहा है। यह क्षेत्र अनुसूचित जाति बहुल है और अनुसूचित जाति सुरक्षित सीट भी है। ग्रामीण लोगो में हनुमान के प्रति काफी बड़ी श्रद्धा है। हाल ही में हुए उपचुनाव में भाजपा यहाँ करीब 27 हजार से अधिक वोटो से हार गयी थी। नतीजन मौजूदा विधायक का टिकट काटा गया। यहाँ संघ के स्वयंसेवक को नए चेहरे के रूप उतारा गया है। जबकि कांग्रेस से यहाँ जिलाध्यक्ष खुद ही लड़ रहे है।
सनातन परम्परा में भी हनुमान, मोदी ने भी जिक्र किया
हनुमान को सनातन परंपरा में रामभक्त, पवनपुत्र, केसरी नंदन के रूप में माना गया है। उन्हें भक्ति परम्परा में उच्च माना जाता है। देश के सभी जगहों में हनुमान जी की पूजा की जाती है। परन्तु योगी आदित्यनाथ द्वारा कहे गए बात के अनुसार आज तक किसी ने उनके चरित्र की व्याख्या नहीं की। वही अलवर में रविवार को नरेंद्र मोदी जी ने भी हनुमान का जिक्र किया था।
योगी आदित्यनाथ का कहना है की बजरंगबली हमारी भारतीय परम्परा में एक ऐसे लोक देवता है जो स्वयं वनवासी, दलित, गिरवासी वंचित है। सबको लेकर के पुरे भारतीय समुदाय को उत्तर से दक्षिण तक, पूर्व से पक्षिम तक सबको एक साथ जोड़ने का काम बजरंगबली करते है। इसलिए बजरंगबली का संकल्प होना चाहिए।
अष्ट सिद्धि और नवनिधि का दाता, योगी ने वंचित बता दिया
तुलसीदास ने हनुमान चालीसा में उनके चरित्र का उल्लेख किया है। उन्हें अष्ट सिद्धि और नवनिधि का दाता बताया है। जबकि योगी ने इसके विपरीत कहा, हनुमान को वंचित बता दिया।
