लोकसभा चुनाव से पहले कोलकाता में ममता बनर्जी की विपक्षी एकजुटता रैली आज, कहा- क्षेत्रीय पार्टियों की होगी निर्णायक भूमिका

आज 19 जनवरी को ममता बनर्जी कोलकाता में विपक्षी एकजुटता रैली को सम्बोधित करेंगी। अब ममता बनर्जी की रैली को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी का भी साथ मिल गया है। राहुल गाँधी ने ममता बनर्जी को एक पत्र लिखकर अपना समर्थन देने की बात कही। माना जा रहा है की आने वाले लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी की यह रैली निर्णायक भूमिका अदा करेगी। दरअसल रैली के एक दिन पहले राहुल गाँधी ने ममता बनर्जी को पत्र लिखा और कहा की पूरा विपक्ष एक जुट है।
राहुल गाँधी ने पत्र लिखकर ममता बनर्जी के विपक्षी एकजुटता को समर्थन देते हुए उम्मीद जताई ी इस रैली की मदद से भारत में शक्तिशाली सन्देश जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि पूरा विपक्ष इस विश्वास के प्रति एकजुट है कि सच्चे राष्ट्रवाद और विकास की र्ष लोकतंत्र, सामजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता जैसे उन मूल्यों के आधार पर करनी है जिनको भाजपा (नरेंद्र मोदी) सरकार नष्ट कर रही है।
राहुल गाँधी ने मममता को भेजे सन्देश में कहा, ” हम बंगाल के लोगों की सराहना करते हैं जो ऐतिहासिक रूप से हमारे इन मूल्यों की रक्षा करने में आगे रहे हैं.” उन्होंने कहा, ”मैं यह एकजुटता दिखाने पर ममता दी का समर्थन करता हूं और आशा करता हूं कि हम एकजुट भारत का शक्तिशाली सन्देश देंगे” इस रैली में कांग्रेस की तरफ से मल्लिकार्जुन खड़गे भी शामिल होंगें।
कहा जा रहा है कि वेस्ट बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ‘संयुक्त भारत रैली’ में करीब 25 शीर्ष नेता शामिल हो सकते हैं। रैली का उद्देश्य नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र कीभाजपा सरकार के खिलाफ आने वाले लोकसभा चुनाव में विपक्ष को एकजुट करना होगा। इस रैली को सफल बनाने के लिए ममता बनर्जी ने शुक्रवार को भी कई घंटों तक नेताओं से बातचीत की थी।
हाल ही में यूपी में बीजेपी के खिलाफ बने समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के गठबंधन के बाद कोलकाता में शनिवार को तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी की विपक्षी दलों की रैली और अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। बसपा और सपा के वरिष्ठ नेताओं के तृणमूल कांग्रेस की ‘संयुक्त विपक्षी रैली’ में मंच साझा करने की उम्मीद लगाई जा रही है। यह रैली यहां ऐतिहासिक ब्रिगेड परेड मैदान में होगी.
रैली में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और, बसपा की ओर से पार्टी के वरिष्ठ नेता सतीश चंद्र मिश्रा के शिरकत करने की संभावना है। रैली मेंरालोद के अजीत सिंह और जयंत चौधरी भी मौजूद रहेंगे। यह पार्टी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक ताकत है। वह भी सपा – बसपा गठबंधन में शामिल होने के लिए बातचीत कर रही है. वहीं, रैली में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे करेंगे. उत्तर प्रदेश में नया चुनावी समीकरण बनाने वाली सपा और बसपा गठबंधन समेत सभी बड़ी विपक्षी पार्टियों की इस रैली में उपस्थिति एक अहम भूमिका निभाएगी।
सपा उपाध्यक्ष किरणमय नंदा ने रैली के बारे में कहा की, ‘यह भाजपा विरोधी रैली है. इसलिए कई विपक्षी दल इसमें भाग ले रहे हैं और हम भी इसका हिस्सा हैं. इसका उत्तर प्रदेश की राजनीति से कोई लेना – देना नहीं है क्योंकि वह बिल्कुल ही एक अलग मोर्चा है.’ वहीं, कांग्रेस को भी यह लगता है कि विपक्ष की महारैली से उत्तर प्रदेश में राजनीतिक समीकरण के बारे में गलतफहमी नहीं होनी चाहिए. रैली का आयोजन कर रही तृणमूल कांग्रेस ने कहा, ‘क्षेत्रीय राजनीतिक मजबूरियों को इस प्रस्तावित रैली से जुड़े बड़े राजनीतिक उद्देश्यों में नहीं मिलाना चाहिए.’
ममता बनर्जी की इस रैली में बाकी कुछ अन्य नेता जिनके शामिल होने की उम्मीद लगाई जा रही है, उनमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एवं जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं तेदेपा प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू शामिल हैं. इनके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला के भी शामिल होने की उम्मीद है. कांग्रेस से खड़गे और पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी रैली में हिस्सा लेंगे. तृणमूल कांग्रेस प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ – साथ राकांपा प्रमुख शरद पवार, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरूण शौरी, पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, दलित नेता जिग्नेश मेवाणी और झारखंड विकास मोर्चा के बाबूलाल मरांडी भी मंच पर दिखाई देंगें। मंगलवार को भाजपा छोड़ने वाले अरूणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री गेगोंग अपांग भी रैली में शामिल होंगे।
तृणमूल प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि यह रैली लोकसभा चुनावों से पूर्व बीजेपी के लिये ‘मृत्यु-नाद’ की मुनादी होगी. भगवा पार्टी के ‘कुशासन’ के खिलाफ संयुक्त लड़ाई का संकल्प जताने के लिये कोलकाता के प्रतिष्ठित ब्रिगेड परेड मैदान में शनिवार को होने वाली इस रैली में 20 से अधिक विपक्षी दलों द्वारा शिरकत करने का अनुमान लगाया जा रहा है।
इस रैली से तृणमूल को यह उम्मीद है कि ममता बनर्जी ऐसे नेता के तौर पर उभरकर सामने आयेंगी जो ‘अन्य दलों को साथ लेकर’ चल सकती हैं और आम चुनावों के बाद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को चुनौती दे सकती हैं. इस प्रकार की विशाल विपक्षी रैली का आयोजन बनर्जी की सोच का परिणाम है। उन्होंने बृहस्पतिवार को ही कह दिया था कि आगामी लोकसभा चुनावों में क्षेत्रीय पार्टियां निर्णायक भूमिका अदा करेंगी।
